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Shiv Chalisa PDF and Lyrics in Hindi
Shiv Chalisa PDF and Lyrics in Hindi: जय माता दी मित्रों उम्मीद करता हूँ की आप सभी अच्छे और सव्स्थ्य होंगे | दोस्तों आज में आपको बताऊंगा की कैसे आप शिव चालीसा को सिद्द कर सकते है या फिर आपकी शिव चालीसा सिद्द हो चुकी है या फिर आप शिव चालीसा को सिद्द कर रहे है |
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उस प्रकार में हमे कैसे अनुभव होते है | और शिव चालीसा जब सिद्द हो जाती है तो हमे कैसे पता चलेगा की हमारी शिव चालीसा सिद्द हो चुकी है |
यह कुछ बातें है जो में आपको आज बताने बाला हूँ आज के इस पोस्ट के ज़रिये |
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शिव चालीसा को सिद्द कैसे करे ?
बैसे तो शिव चालीसा को एक दिन में बी सिद्द किया जा सकता है | जैसे की होली के दिन, दीपावली के दिन, और माहा शिवरात्रि के दिन | इन दिनों में शिव चालीसा एक ही दिन में सिद्द हो जाती है |
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आपको शिव चालीसा को सिद्द करने के लिए
- एक लकड़ी की चौकी लेनी होती है
- उसके ऊपर आपको नया पिले या सफ़ेद रंग का या फिर नीले रंग का वस्त्र विशाना होता है |
- फिर आपको चौकी के ऊपर शंकर भगवन जी की तस्वीर या फिर मूर्ति रखनी है |
- फिर आपको शिव भगवान् जी की पंचो पंचार से पूजा करनी है
- परन्तु उससे पहले गणेश जी की पूजा अवश्य कर ले |
- भगवान् शंकर के समक्ष आपको दूप बत्ती करनी है और फल चढ़ाना है | देसी घी का दीपक जलाना है | और एक जल पात्र भी रखना है |
- और इसके बाद आपको शिव चालीसा के 108 पाठ करने है | 108 पाठ में शिव चालीसा सिद्द हो जाती है
शिव चालीसा के लाभ तथा महत्ब
शिव चालीसा को करने के लिए कोई नियम ज़रूरी नहीं | आप सच्चे मन से कभी भी शिव चालीसा का पाठ कर सकते है | साबन के महीने में शिव चालीसा का पाठ करना अधिक लाभकारी साभित होता है |
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इससे करने से आपकी साड़ी बाधाएँ दूर हो जाती है | शिव चालीसा करने से शिव चालीसा पर्सन हो कर मन चाहा फल देते है |
- बीमार व्यक्ति की बीमारी ठीक हो जाती है | साथ ही आपको हर खतरे से बचता है |
- अगर गर्वबती महिलांए शिव चालीसा का पाठ करती है तो उनके आने बाले बचे के लिए सही रहता है |
- ऐसी मानता है की जो व्यक्ति साबन के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है |
- ऐसी मानता भी है की जो साबन के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाता है उसकी कुंडली में कभी भी अशुभ ग्रह प्रवेश नहीं करते |
- शिवलिंग पर जल चढ़ाने के और भी लाभ है जैसे की धन दौलत, हर काम में सफलता मिलती है, काम काज में लाभ होता है, ज्ञान मिलता है, बुद्धि तेज़ होती है |
- यह कुछ लाभ है जो आपको शिव चालीसा को पढने पर मिलते है | साबन के महीने में ज़रूर शिव चालीसा का पाठ करे और शिवलिंग पर ज़रूर जल चढ़ाये |
Shiv Chalisa Lyrics in Hindi
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4
मैना मातु की हवे दुलारी ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8
देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
तुरत षडानन आप पठायउ ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20
एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥
मात-पिता भ्राता सब होई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28
धन निर्धन को देत सदा हीं ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32
नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36
पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥
॥ दोहा ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥